BLOG का उद्देश्य
विभिन्न प्रकार के स्टॉक मार्केट के इंस्ट्रुमेंट्स के बारे में जानें
BLOG से मिलने वाली प्रमुख सीख
विभिन्न प्रकार के मार्केट इंस्ट्रुमेंट्स TYPES OF MARKET INSTRUMENTS निम्नलिखित हैं:-
SHARE MARKET TECHNICLE ANALYSIS FREE COURSE CHAPTER 1
5 Types of Instruments traded in share Market
1. इक्विटी (Equities)
कंपनियां इक्विटी के जरिए फंड इकट्ठा करती हैं।
जो लोग इक्विटी खरीदते हैं वे उस कंपनी के शेयरहोल्डर बन जाते हैं।
इक्विटी मार्केट एक नियमित बाजार है जहां आप जितना मन चाहे उतना स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं।
भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज निम्नलिखित हैं जिनमें इक्विटी/स्टॉक की ट्रेडिंग होती है:-
1.बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)-
यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। BSE का शेयर मार्केट इंडेक्स “सेंसेक्स” (Sensex) कहलाता है।
ii. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)-
यह भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है। “निफ्टी 50” (Nifty 50) NSE का शेयर मार्केट इंडेक्स है।
NSE और BSE दोनों के खुलने और बंद होने का समय एक ही है। ये सुबह 09:15 बजे खुलते हैं और दोपहर 03:30 बजे बंद हो जाते हैं। सुबह 09:00 से 09:15 तक का समय “प्री ओपनिंग सेशन” कहा जाता है, जबकि शाम 03:30 से शाम 04:00 बजे तक के समय को “पोस्ट क्लोजिंग सेशन”कहा जाता है। शनिवार, रविवार, और सार्वजनिक अवकाश के दिन मार्केट बंद रहता है।
2. फ्यूचर्स (Futures)-
फ्यूचर्स एक कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध) होता है जिसमें भविष्य में एक सहमत मूल्य पर संपत्ति को बेचने या खरीदने की जानकारी होती है।
फ्यूचर्स मार्केट में आप केवल लॉट साइज़ में ही शेयर खरीद सकते हैं। इसका मतलब है कि आप फ्यूचर्स मार्केट में केवल 1 या 2 शेयर नहीं खरीद सकते बल्कि आपको बल्क में शेयर की खरीदारी कर सकते हैं।
सही स्ट्रैटजी और जोखिम प्रबंधन (रिस्क मैनेजमेंट) के बिना, आप फ्यूचर्स मार्केट में भारी नुकसान का सामना कर सकते हैं।
इसलिए, आपको फ्यूचर्स मार्केट में तभी निवेश करना चाहिए जब आपके पास एक सही स्ट्रैटजी हो और रिस्क मैनेजमेंट पता हो।
फ्यूचर्स मार्केट में सारे स्टॉक उपलब्ध नहीं होते हैं। इसमें सिर्फ 188 स्टॉक्स होते हैं।
फ्यूचर्स की भी ट्रेडिंग NSE और BSE में होता है। हालांकि ज्यादातर ट्रेडिंग NSE में ही होती है।
3. ऑप्शंस (Options)-
ऑप्शंस एक प्रकार का कॉन्ट्रैक्ट है जो खरीदार को एक निश्चित मूल्य (स्ट्राइक प्राइस) पर एक निश्चित तिथि (समाप्ति तिथि) तक अंडरलाइंग असेट को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है।
ऑप्शंस, स्टॉक जैसी सिक्योरिटी (securities) के मूल्य पर आधारित होते हैं। ऑप्शंस 2 प्रकार के होते हैं:
1.कॉल (Call)-
कॉल खरीदार को ऑप्शंस में स्ट्राइक प्राइस पर अंडरलाइंग असेट को खरीदने का अधिकार देता है।
2.पुट (Put)-
पुट खरीदार को कॉन्ट्रैक्ट में लिखी हुई स्ट्राइक प्राइस पर अंडरलाइंग असेट को बेचने का अधिकार देता है।
आप NSE या BSE में ऑप्शंस की ट्रेडिंग कर सकते हैं।
4. कमोडिटी (Commodities)-
कमोडिटी बाजार में आप तांबा, चांदी, सोना या कच्चे तेल जैसे सामानों का कारोबार कर सकते हैं। आप इन सामानों को डिजिटल रूप में खरीदते या बेचते हैं।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में कमोडिटी का कारोबार किया जा सकता है।
MCX सोमवार से शुक्रवार तक खुलता है और इसकी टाइमिंग सुबह 09:00 बजे से रात 11:30 बजे तक होती है।
5. मुद्रा (करेंसी)-
मुद्रा वस्तुओं और सेवाओं के खरीदने और बेचने का माध्यम है।
भारतीय बाजार में, आप USD (अमेरिकी डॉलर) और INR (भारतीय रुपया) जैसी 4-5 मुद्राओं का व्यापार कर सकते हैं।
आप NSE में सुबह 09:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक करेंसी को खरीद और बेच सकते हैं।
अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो आपको इक्विटी मार्केट से शुरुआत करनी चाहिए। इक्विटी मार्केट में करीब 4,000 शेयर्स लिस्टेड हैं।
आपको अस्थिर और उतार-चढ़ाव से भरी मार्केट में ट्रेडिंग करनी चाहिए। वर्तमान में, भारतीय शेयर बाज़ार बहुत अस्थिर है, और इसमें पैसा कमाने के पर्याप्त अवसर हैं। इसलिए, इक्विटी शेयर मार्केट ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा है।
CONCLUSION-
निवेश करने से पहले शेयर बाजार की मुख्य बातें जानें
अगर आप शुरुआत कर रहे हैं तो इक्विटी शेयर बाजार में निवेश करें
अस्थिर मार्केट में ट्रेडिंग करें
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