ओस्किलेटर व मूमेंटम इंडिकेटर को समझाइये-Introduction to Technical Indicators and Oscillators

BLOG का उद्देश्य-

  •   शेयर बाजार में ऑसिलेटर के उपयोग को जानें

BLOG से मिलने वाली सीख-

स्टॉक की मूवमेंट को मापने के लिए ऑसिलेटर/इंडिकेटर (Oscillators/Indicators) का उपयोग किया जाता है।

सरल शब्दों में OSCILLATORS का अर्थ है एक ऐसी चीज जो लगातार आगे-पीछे झूलती रहती है।

तकनीकी रूप से, OSCILLATOR CHART INDICATORS  होते हैं जिसका इस्तेमाल ट्रेडर किसी नॉन-ट्रेंडिंग स्टॉक में ओवरबॉट (अधिक खरीदा जा रहा है) या ओवरसोल्ड (अधिक बेचा जा रहा है) स्थितियों को जानने के लिए करते हैं।

MOMENTUM INDICATERS

स्टॉक के TACHNICAL ANALYSIS में कई प्रकार के OSCILLATOR  का उपयोग किया जाता है।  उनमें से कुछ हैं:

 

i. नॉन-बैंडेड ऑसिलेटर ( NON BANDED OSCILLATOR )-

 

ये ऑसिलेटर ( OSCILLATOR ) रेंज-बाउंडेड ( RAISE- BOUNDED )  नहीं होते हैं और एक सेंट्रल लाइन ( CENTRAL LINE ) के ऊपर या नीचे होते रहते हैं। नॉन-बैंडेड ऑसिलेटर एक स्टॉक की मोमेंटम ( MOMENTUM ) और स्पीड (SPEED) को मापने में मदद करते हैं।

जब एक ऑसिलेटर सेंट्रल लाइन के ऊपर जाता है, तो यह स्टॉक में तेजी (HIGH MOMENTUM) के संकेत देता है। ऐसी स्थिति में आपको स्टॉक खरीदना या होल्ड (HOLD) करना चाहिए।

दूसरी ओर, जब ऑसिलेटर सेंट्रल लाइन के नीचे चला जाता है, तो यह मंदी का संकेत देता है।

इस प्रकार, ये ऑसिलेटर ट्रेंड बताते हैं।

 

ii. बैंडेड (मोमेंटम) ऑसिलेटर ( MOMENTUM OSCILLATORS)-

 

ये ऑसिलेटर 0 से 100 की एक रेंज के बीच रहता है। इस रेंज में अलग-अलग ज़ोन होते हैं, जिन्हें ओवरबॉट और ओवरसोल्ड ज़ोन कहा जाता है।

 

बैंडेड ऑसिलेटर तीन प्रकार के होते हैं: 

 

  1. RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स)

 

इस ऑसिलेटर की मदद से, किसी स्टॉक या मार्केट में ट्रेंड की स्ट्रेंथ को माप सकते हैं।

RSI “0” (लोअर लिमिट) से लेकर “100” (अपर लिमिट) तक के रेंज में काम करता है।

यदि किसी स्टॉक का RSI 0 से 40 के बीच है, तो यह डाउनट्रेंड (मंदी) का संकेत है।  ऐसे में आपको शेयर नहीं खरीदना चाहिए।

RSI का 40 और 60 के बीच होना एक साइडवेज ट्रेंड का संकेत देता है। ऐसे में आपको स्टॉक को होल्ड करना चाहिए।

RSI का 60 से ऊपर जाना अपट्रेंड (तेजी) का संकेत है।

प्रारंभिक RSI वैल्यू की गणना पिछले 14 दिनों में बाज़ार/स्टॉक के परफॉर्मेंस के आधार पर की जाती है।  इसका मतलब है कि पिछले 14 दिनों में बाज़ार/स्टॉक कितनी बार हाई लेवल पर बंद हुआ और कितनी बार लो लेवल पर बंद हुआ।

 

उदाहरण के लिए:

 

जब भी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Limited) में अपट्रेंड होता है, तो इसका RSI 60 से ऊपर चला जाता है। (चार्ट के लिए वीडियो देखें)

रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का RSI 2012-16 से 40-60 के बीच बढ़ रहा था। इसका मतलब है कि स्टॉक साइडवेज ट्रेंड में था और निवेशकों के लिए कोई पैसा नहीं बना रहा था।

यदि एशियन पेंट्स (Asian Paints) का RSI 40 से नीचे जा रहा है, तो इसका मतलब है कि ये डाउंट्रेंड में है।

आपको केवल उन्हीं स्टॉक को खरीदना चाहिए जिनका RSI 60 के ऊपर है। आपको डेली चार्ट पर नज़र बनाए रखना चाहिए, और एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए RSI का इस्तेमाल करना चाहिए।

 

RSI के रेंज को और अधिक भागों में बांटा जा सकता है:

 

स्ट्रॉन्ग अपट्रेंड (60-80)

अपट्रेंड (40-80)

साइडवेज (40-60)

डाउनट्रेंड (60-20)

स्ट्रॉन्ग डाउनट्रेंड (40-20)

आप किसी स्टॉक को उसके RSI वैल्यू के आधार पर खरीदने या बेचने का निर्णय ले सकते हैं।

 

BLOG से निकलने वाले परिणाम-

 

स्टॉक के मूवमेंट को मापने के लिए ऑसिलेटर का उपयोग करें

स्टॉक का ट्रेंड जानने के लिए RSI वैल्यू की गणना करें

शेयर को उनके RSI वैल्यू के आधार पर खरीदें/बेचें

60 से ऊपर RSI वाले शेयर खरीदें

 

दोस्तों हम आप लोगों के लिए  SHARE MARKET , TECHNICLE ANALYSIS , MUTUAL FUND ,स्वयं की ग्रोथ एवं अपना व्यापार कैसे बड़ा करना है, सब जानकारी के लिए जो मूल मंत्र अति आवश्यक होते हैं वह लाते रहते हैं कृपया हमारी लेख को  लाइक एवं कमेंट करना ना भूलें औरदोस्तों को भी शेयर करें जिससे आपकी वैल्यू बढ़े , शेयर अवश्य करें धन्यवाद

       

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