WHAT IS BONDS IN INDIA ? bond क्या हैं एवं bond के प्रकार – MONEYCONTROLER

दोस्तों बॉन्डस के बारे में हम सभी ने सुना जरूर है, हम में से ज्यादातर लोगों को यह भी पता है कि ब्रान्डस में FD से ज्यादा रिटर्न मिलता है, लेकिन इसके बावजूद भी 99% लोगों ने BONDS में कभी Invest ही नहीं किया ! क्यू नहीं किया, लोगों को लगता. हूँ कि रिस्की है, या से लोगों लगता Bonds में निवेश करना आसान नहीं है। लोगों को ये ही नहीं पता की BONDS से एडजेक्टली कितना रिटर्न मिलेगा दोस्तो आज न हम आपके सारे डाउटस क्लियर करेंगें।

WHAT IS BONDS

What is bond  बांड्स क्या है ?-

बॉन्ड्स क्या होता है ? What Are bonds

मान लीजिए कंम्पनी को पैसा चाहिए, तो कम्पनी क्या करेगी। अगर कम्पनी को पैसा चाहिए तो वो Share जारी कर सकती हँ या कम्पनी बैंक से लोन ले सकती है । पर अगर अब बैंक से लोन लेगी तो 11-12 प्रतिशत में लोन मिलेगा, पर्सनल लोन, बिजलिस लोन (ए)इतने या इससे ऊपर में मिलेगा तो काफी महंगा पड़ेगा। अब रही शेयर की बात तो कम्पनी अपनी हिस्सेदारी नहीं घटाना चाहती, तो अब वो क्या कर सकती है। तो अब कम्पनी न बैंक से लोन न लेकर, पब्लिम से सीधा पैसा लेती है

तो कम्पनी लोगों से बोलती है कि आप लोगों को FD में 6 – 7 % मिलती है। और वहीं यदी मैं बैंक से लोन लेता हूँ, तो 12 %  में मुझे लोन मिलेगा। इससे – अच्छा में आपको 8-10 प्रतिशत ब्याज देता हूँ आप अपना पैसा मुझे दे दो जिससे 2-4% दोनों को फायदा मिल सके और हम बैंक को बीच में नहीं लाते । इसके बदले में आपको बॉन्ड मिलेगा।

इस प्रकार पब्लिक को FD से 5-6% व्याज मिलने के बजाय 9-10 %  ब्याज के साथ BOND मिल जाती है । जिसमें कि कम्पनी को बैंक से 12% में मिलने के बजाय 9% ब्याज के साथ मिल रही है, क्योंकि बो पब्लिक से डायरेन्ट पैसे ले रही है। क्योंकि होता क्या है कि बैंक Public से पैसा लेती है और 5-67 ब्याज दे देती है यहा पैसा लेने के बाद कम्पनी को 12-157 में देती है। यहीं पर कम्पनी कहती है कि हम बैंक को बीच में नहीं लाते जिससे दोनों को फायदा हो जाती है। यही है बॉंड का Concepts .

परिभाषा

 कम्पनी के द्वारा जनता से सीधा लोन लेना BOND कहलाता है । BOND को डिबेंचर या ऋणपत्र  कहते है, जो कि एक प्रमाणपत्र है जो जानकारी देता है कि कंपनी निवेशक को एक निश्चत राशि देगी । इस भुगतान में मूल राशि पर ब्याज और मैच्योरिटी होने पर पूंजी मिलती है।

 

 What is the face Value of Bonds –

BONDS में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है FACE VALUE यानिकी BONDS मो हम किस BASE में खरीद समते है, तो इसे हम Share भी द्वारा  समझते हैं, तो देखिए Share Market में जब पहली बार IPO आता है, तो, कम्पनी में Owner अपना Share पब्लिक, को दे रहे होते हैं। उसको बोलते हैं एक बार जब IPO आ गया उसके बाद आप जब भी Share खरीदते हैं, आप सीधे कम्पनी से Share नहीं खरीदते हूँ, आप जब Share खरीद रहे होते है तो कोई और Share बेच रहा होता है। इसीलिए इसे Secondary   Market या द्वितीयक बाजार कहते हैं। 

इसी प्रकार जब कम्पनी पहली बार आपको अपना BOND दे रही है, तो उसको Primary Issue बोलते हैं, और यही ISSUE होता है FACE VALUE पर यानिकी हम ऐसा बोल सकते है कि ये है ! हजार रुपया का BOND इसकी FACE VALUE 1000 रुपया है और मैं आपसे 1000 ले  रहा हूँ, बदले में मैं आपको ये BOND दे रहा हूँ ।

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कूपन रेट यानिकी उस Face Value पर कम्पनी आपको कितना ब्याज  देती है। कूपन रेट हमेशा Face Value के एक परसेट होती है !  जैसे कि 1000 Face Value है और कूपन रेट है 10% तो हर साल बो कम्पनी आपको 100 रुपया ब्याज देगी , इस प्रकार आप समझ गए होंगे की कूपन रेट मतलब ब्याज कि

कितना प्रतिशत ब्याज मिलेगा आपको BOND में उदाहरण के लिए मान लेते हँ रिलायसं एक BOND जारी करती है, जिसमें  कूपन रेट है 10% P.A का ब्याज मिलेगा । मान लेते है 5 साल तक की अवधी तक  है।

bond basics 
BOND कैसे काम करता 

सबसे पहले ‘आपको यह समझ लेना जरूरी है  bond  एक तरह का कर्ज है । कर्ज जुटाने के लिए सरकार या कम्पनियाँ बान्ड करती है।जारी मान लीजिए अगर रिलायंस को अपने बिजनेस में लिए कर्ज की जरूरत है और रिलायस किसी वजह से बैंक से कर्ज नहीं लेना चाहती है तो फिर रिलायसं BOND के जरिए कर्ज लेने का फैसला करती है।

जब भी सरकार को सरकारी योजनाओं के लिए पैसों की आवश्यकता होती हैं तो सरकार बांड्स जारी करके पैसे जुटा सकती हैं। वैसे ही अगर किसी कंपनी को वित्त की जरुरत होती हैं तो उसके पास मुख्यतया तीन विकल्प होते हैं।

1.पहला शेयर मार्केट में इक्विटी शेयर इशू करना। इसमें कंपनी के शेयर dilute होते हैं।

2.दूसरा विकल्प होता हैं बैंक लोन। परन्तु ये कंपनी को बहुत महँगा पड़ता हैं क्योंकि इसमें ब्याज दर बहुत

ज्यादा होती हैं।

3.तीसरा विकल्प होता हैं बॉन्ड्स जारी करके पैसे जुटाना। इसमें बैंक लोन की अपेक्षा ब्याज दर कम

होती हैं और कंपनी को अपनी इक्विटी भी dilute नहीं करनी पड़ती।

इस प्रकार कंपनी मार्केट से पैसे उठाती हैं। इसके बदले वो निश्चित ब्याज दर वाले Bond जारी करती हैं।

आजकल ये बांड सर्टिफिकेट फॉर्म के बजाय डिजिटल फॉर्म में होते हैं। इनकी परिपक्वता अवधि निश्चित होती हैं जैसे की 3 वर्ष, 5 वर्ष, 10 वर्ष आदि।

बॉन्ड जारीकर्ता एक निश्चित अंतराल में बॉन्ड धारक को ब्याज का भुगतान करता रहता हैं। परिपक्वता अवधि (maturity period) समाप्त होने पर बॉन्ड जारीकर्ता प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज का भुगतान बॉन्ड धारक को कर देता हैं।

What are types of bonds in india भारत में बॉन्ड के प्रकार- 
बांड कितने प्रकार के होते हैं?

दोस्तों bonds के बारे में अभी तक हमने जाना है की what is bond ,  What is the face Value of Bonds , coupon rate , bond basics आदि , अब हम bond के प्रकार ( types of bonds ) समझेंगे –

Government bonds सरकारी प्रतिभूतियां:- सरकार को जब भी अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए या अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है तो वो bonds जारी करती है ! इन bonds में सरकार की गारंटी होती है इसीलिए इनकी डिफाल्ट होने की सम्भावना न के बराबर होती है , इसीलिए इन bonds की ब्याजदर भी कम ही होती है !

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड:- यह bond सरकार की और से रिजर्व बैंक द्वारा जरी की गई सरकारी प्रतिभूतियां है ! ये भौतिक सोने के लिए एक विकल्प है , और ग्राम में प्रदर्शित की जाती है !

पूंजी लाभ बॉन्ड:- ये भी सरकार द्वारा जारी किये जाते हैं ! यंहा आप अपने पूंजी लाभ को विशिष्ट लाभ में परिवर्तित कर सकते हैं ! ये bond पूंजी लाभ tax से छुट प्रदान करते हैं !

कॉर्पोरेट बॉन्ड:- ये कंपनियों द्वारा जरी किये जाते हैं , इनमे interest rate अपेक्षाकृत अधिक होती है परन्तु इनमे जोखिम भी होती है !

परिवर्तनीय बॉन्ड:- पूर्व निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार इन bonds की stock में परिवर्तन किया जा सकता है !

निश्चित ब्याज बॉन्ड:- इस bond में ब्याज की दर पहले से निर्धारित होती है ! इन bonds की विशेषता यही है की इनमे निश्चित ब्याज मिलती रहती है , चाहे market की स्थिति जैसी भी हो !

फ्लोटिंग ब्याज बॉन्ड:- इन bond में लचीली ब्याज दरें होती हैं , जो बदले में बाजार चर की एक विस्तृत श्रंखला पर आकस्मिक होती है !

BOND market इन india 
How to invest in Bonds-

Bond खरीदने के लिए ऑफलाइन और online दोनों तरह की व्यवस्था हैं जिसमे की सबसे ज्यादा आसन online द्वारा है ! bond खरीदने के लिए आप निम्न साईट पर जाकर खरीद सकते हैं –

https://www.thefixedincome.com/

https://www.goldenpi.com/

यंहा से bond खरीदने के बाद आप bond को अपने DEMAT account में सुरक्षित कर सकते है !

दोस्तों हम आप लोगों के लिए  SHARE MARKET , TECHNICLE ANALYSIS , MUTUAL FUND ,स्वयं की ग्रोथ एवं अपना व्यापार कैसे बड़ा करना है, सब जानकारी के लिए जो मूल मंत्र अति आवश्यक होते हैं वह लाते रहते हैं कृपया हमारी लेख को  लाइक एवं कमेंट करना ना भूलें औरदोस्तों को भी शेयर करें जिससे आपकी वैल्यू बढ़े , शेयर अवश्य करें धन्यवाद   

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