What is money laundering –
Money laundering एक गैर क़ानूनी तरीका है , जिसके जरिये अवैद्य तरीके से पैसे कमाए जाते है जिसका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों जैसे की , तस्करी , आतंकवाद , आदि गैरकानूनी क्रियाओं को बढ़ावा देने में किया जाता है ! अधिकांशतः money laundering के जरिये लोग अपने गलत तरीके से कमाए हुएकाला धन को white money में बदलते है , इस प्रकार आप लोग समझ गए होंगे की money laundering एक गैरकानूनी काम है , जिसे सफ़ेद कॉलर वालों से लेकर के अपराधी तक सभी करते हैं !
World level पर money laundering को रोकने के लिए और पैसे की लेनदेन पर नजर बनाए रखने के लिए दुनिया के बड़े देशों ने FTF संगठन का निर्माण भी किया है ! जो दुनियाभर के देशों के ऊपर money laundering को लेकर नजर रखता है ! , कई बार लोग अपने पैसों को बचने के लिए भी money laundering का सहारा लेते हैं , क्योंकि money laundering के जरिये पैसे का मुख्य ओरिजिन छुपा दिया जाता है !
DEFFINITION OF MONEY LAUNDERING मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा:–
Money laundering से तात्पर्य है की अवैद्ध्य तरीके से कमाए गए BLACKMONEY को वैध्य तरीके से कमाए गए धन के रूप में दिखाने से होता है ! money laundering अवैध्य रूप से कमाई गई धन राशी को छुपाने का एक तरीका है ! money laundering के जरिये धन को ऐसे कामों या निवेश में लगाया जाता है की जाँच करने वाली एजेंसियां भी धन के मुख्य सोर्स का पता नही लगा पाती है !
” Money laundering ” को हवाला लेनदेन भी कह सकते हैं ?
दोस्तों विश्व में पहली बार “ money laundering ” शब्द की उत्पत्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में माफिया समूह से हुई थी ! माफिया गैंग ने भारी मात्रा में जबरन वसूली , जुआ आदि से जो पैसा बनाया और फिर इस पैसे को क़ानूनी धन के रूप में दिखने के लिए जो तरीका अपने वो तरीका “ money laundering ” कहलाया ! भारत में money laundering को हवाला लेनदेन के रूप में जाना जाता है !
मुख्य बातें-
- अवैध्य चीजों या धन को वैध्य चीजों या धन में बदलना money laundering कहलाती है !
- हमारे देश में सन 1990 में पहली बार money laundering का मामला आया था !
- भारत में सन 2002 को money laundering कानून , अधियमित किया गया !
LOUNDERR ( लौंडरर ) –
जो व्यक्ति धन की हेरा फेरी करता है , उसे LOUNDARR कहा जाता है ! इनके द्वारा अवैध्य माध्यम से कमाया गया काला धन , सफ़ेद होकर अपने असली मालिक के पास वैध्य रूप से आ जाता है !
लॉन्डरिंग पैसे की प्रक्रिया में तीन चरण शामिल होते हैं
Process of Money Laundering-
मनी लॉन्ड्रिंग किस प्रकार काम करती है?
क्या है प्रोसेस –
Money laundering की प्रक्रिया में पैसे को इस तरह से काम में लाया जाता है , या निवेश किया जाता है की जाँच एजेंसियां भी पैसे के मुख्य स्रोत का पता न लगा पाएं ! क्योंकि money laundering पैसे को सर्कार से छुपाने के उद्देश्य से ही किया जाता है !
Money laundering के कई रास्ते हैं , जिनके माध्यम से money laundering किया जाता है ! इन रास्तों में sell कंपनियां सबसे फेमस रास्ता है ! जिसके द्वारा पूंजी बाजार या अन्य उपक्रमों में निवेश किया गया काला धन , वैध धन या सफ़ेद धन ( WHITE MONEY ) के रूप में वास्तविक धन स्वामी के पास वापस आ जाती है ! दोस्तों इस पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए निम्नलिखित तीन प्रोसेस के द्वारा समझ सकते हैं !
1.प्लेसमेंट –
इस प्रक्रिया में पहला कदम होता है की बाजार में काले धन का निवेश करना है ! LOUNDARR एक ओपचारिक या अनौपचारिक समझौता करके विभिन्न एजेंटों और बैंकों के माध्यम से अवैध्य धन को नगदी के रूप में जमा करना है !
2.लेयरिंग-
इस प्रक्रिया में , धोकेबाज व्यक्ति ( LONDARR ) बेईमानी करके अपनी वास्तविक आय को छुपा लेता है ! इसके लिए LONDARR अलग अलग निवेश साधनों जैसे की बांड , stock , ट्रेवलर चेक द्वारा या विदेशों में अपने बैंक खातों में धन जमा करता है ! यह खता अक्सर उन देशों के बांको में खोला जाता है जो अपने खाताधारकों के विवरण का खुलासा नही करते हैं , जैसे की स्विट्ज़रलैंड , मोरीशश आदि इस प्रकार के बैंक व प्रक्रिया में धन का वास्तविक स्वामित्व और स्रोत छिपा हुआ होता है !
3.इंटीग्रेशन या एकीकरण –
यह धन छुपाने का अंतिम चरण है जिसके बाद LOUNDRED संपत्ति को वैध्य अर्थव्यवस्था में फिरसे पेश कर दिया जाता है , और इस प्रकार काले धन को क़ानूनी धन या WHITE money के रूप में वित्तीय दुनिया में वापस लौटा लिया जाता है !
Money laundering के अन्य तरीके –
LOUNDARR , के द्वारा किसी बड़े मकान , दुकान या मॉल को खरीदना लेकिन कागजों पर उसकी कीमत कम दिखाना जबकि उस खरीदी गई संपत्ति की वास्तविक बाजार कीमत कहीं ज्यादा होती है ! ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि tax कम देना पड़े और इसे बाद में बेचने पर बहुत अधिक मात्रा में कालेधन को सफ़ेद धन के रूप में परिवर्तित किया जका सके !
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PMLA अधिनियम क्या है ?
भारत में मनी-लॉन्ड्रिंग के लिए कानून (Prevention of Money Laundering Act, 2002)
भारत में मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित कानून-
भारत में मनी – लांड्रिंग कानून , 2002 में अधिनियमित किया गया था , लेकिन इस अधिनियम के बाद इसमें 3 बार संशोधन ( 2005 , 2009 और 2012 ) किया जा चूका है , 2012 के आखिरी संशोधन को 3 जनवरी 2013 को राष्ट्रपति की अनुमति मिली थी और यह कानून 15 फरवरी से लागु हो गया था ! PMLA ( संशोधन ) अधिनियम 2012 ने अपराधों की सूचि में धन को छुपाना ( CONCEALMENT ) , अधिग्रहण ( ACQUISITION ) , कब्ज़ा ( POSSESSION ) और धन का क्रिमिनल कामों में उपयोग ( USE OF PROCEEDS OF CRIME ) इत्यादि को शामिल किया गया है !
PMLA , 2002 में RBI , सेबी और बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ( IRDA ) को PMLA के तहत लाया गया है और इसलिए इस अधिनियम के प्रावधान सभी वित्तीय संस्थानों , बैंकों , म्यूच्यूअल फंडों , बिमा कंपनियों और उनके वित्तीय मध्यस्थों पर लागु होते है !
दोस्तों ऊपर के लेख से आप लोगों को समझ आ गया होगा की मनी लांड्रिंग की प्रक्रिया काफी जटिल और चालाकी भरी है जिसको रोकने के लिए सरकार को ज्यादा से ज्यादा online माध्यम से ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है !
दोस्तों इसके बाबजूद भी जब तक आम नागरिक और धनि लोग इमानदार नही हो जाते तब तक यह प्रक्रिया चलती रहेगी , इसलिए हमें और हमारी समाज को ज्यादा से ज्यादा ईमानदार बनने की आवश्यकता है , जिससे की हम अपने देश को आगे ले जा पाए !!!
दोस्तों हम आप लोगों के लिए SHARE MARKET , TECHNICLE ANALYSIS , MUTUAL FUND ,स्वयं की ग्रोथ एवं अपना व्यापार कैसे बड़ा करना है, सब जानकारी के लिए जो मूल मंत्र अति आवश्यक होते हैं वह लाते रहते हैं कृपया हमारी लेख को लाइक एवं कमेंट करना ना भूलें औरदोस्तों को भी शेयर करें जिससे आपकी वैल्यू बढ़े , शेयर अवश्य करें धन्यवाद
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